The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting
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कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । यहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥
शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।
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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज get more info रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥